नई दिल्ली.
अमेरिकी राष्ट्रपति यानी दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति। जाहिर है उसके हर सेकेंड और हर कदम पर दुनिया की नजरें रहती हैं। इस बार ये नजरें डोनाल्ड ट्रम्प पर हैं। वजह है उनके वॉशिंगटन से करीब 12 हजार किमी दूर भारत में गुजरने वाले 36 घंटे। लिहाजा तैयारियां भी उसी स्तर की हैं। ट्रम्प, उनकी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनर हर पल 5 टियर सुरक्षा घेरे में रहेंगे। उन्हें मोटेरा स्टेडियम से वापस एयरपोर्ट और आगरा हवाईअड्डे से ताजमहल तक ले जाने के लिए विशेष हेलिकॉप्टर मैरीन वन और विश्व की उच्चतम सुरक्षा प्राप्त कार कैडेलिक (बीस्ट) भी अहमदाबाद पहुंच गए हैं।
अमेरिका के प्रथम परिवार की अंदरूनी सुरक्षा का पूरा जिम्मा अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के हवाले रहेगा और इन तक पहुंच केवल भारतीय लायजनिंग अधिकारियों की ही होगी। दूसरे चक्र में एनएसजी, चेतक कमांडो, अर्ध सैनिक बल और अंत में बाहरी सुरक्षा व देखरेख की जिम्मेदारी गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस के 25 हजार जवानों की रहेगी। ट्रम्प की हर घंटे की सुरक्षा पर करीब डेढ़ करोड़ और 36 घंटे की यात्रा में सुरक्षा पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कड़े प्रोटोकॉल
अमेरिकी खुफिया एजेंट कड़े प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राष्ट्रपति के सांकेतिक कॉल साइन तक को साझा नहीं करते और समानांतर एवं सुरक्षित वायरलेस प्रणाली के जरिए आवागमन की बारीकियों का संचालन करेंगे। ये कॉल साइन सुरक्षा में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों से अंतिम समय में शेयर किए जाएंगे। काफिला जहां से भी काफिला गुजरेगा, उसके ताकतवर जैमर्स आसपास के सभी तरह के मोबाइल एवं वायरलेस सिग्नल कुछ समय के लिए कुंद कर देंगे।
परमाणु बटन हर पल साए में
चूंकि ट्रम्प बतौर राष्ट्रपति अमेरिकी सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भी हैं इसलिए सेना के अधिकारी हर समय परमाणु बटन से लैस एक ब्रीफकेस (फुटबाल) के साथ हमेशा उनके साए में बने रहते हैं। ब्रीफकेस में गोल्ड कार्ड (बिस्कुट) मौजूद रहता है जिसका प्रयोग करके राष्ट्रपति आपास स्थिति में कहीं से भी परमाणु हथियार लांच कर सकते हैं। गोल्ड कार्ड को अपारदर्शी प्लास्टिक कवर में रखा जाता है जिसे हटाने के बाद ही इसका प्रयोग संभव है।
कांग्रेस को निमंत्रण नहीं
हालांकि, राष्ट्रपति के नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम को पहले हाउडी मोदी की तर्ज पर आयोजित किए जाने की उम्मीद थी जिसमें डैमोक्रेटस एवं रिपब्लिकन सांसद शामिल हुए थे। कांग्रेस महासचिव राजीव सातव एवं वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में स्वीकार किया कि अभी नमस्ते ट्रंप समेत किसी कार्यक्रम में शिरकत के लिए उन्हें कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है।