वॉशिंगटन
अमेरिका ने भारत को 1 अरब डॉलर की नौसैन्य तोपें बेचने का फैसला लिया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस को दी गई जानकारी में कहा कि उसने भारत को 1 अरब डॉलर यानी करीब 7100 करोड़ रुपये की एमओडी-4 नेवी तोपों को बेचने के फैसले को मंजूरी दी है। इन्हें युद्धक जहाजों, ऐंटी-एयरक्राफ्ट और किनारे पर बमबारी करने में सक्षम जहाजों पर तैनात किया जाएगा।
इन तोपों का इस्तेमाल युद्ध पोतों तथा युद्धक विमानों के खिलाफ और तटों पर बमबारी के लिए किया जाता है और इससे भारतीय नौसेना की मारक क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने मंगलवार को जारी अपनी अधिसूचना में कहा कि 13 एमके-45 पांच इंच/ 62 कैलिबर (एमओडी 4) नौसैनिक तोपों और उनसे संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की अनुमानित लागत 1 अरब डॉलर है।
इन हथियारों को हासिल करने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।ट्रंप प्रशासन के नोटिफिकेशन के मुताबिक इन्हें BAE सिस्टम्स लैंड ऐंड आर्मामेंट्स ने तैयार किया है। इससे भारत की क्षमता में इजाफा होगा और नौसेना मौजूदा एवं भविष्य के खतरों से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम होगी।
तीन साल में 5.67 अरब डॉलर के 21 करार
गौरतलब है कि बीते तीन सालों में भारत ने करीब 5.67 अरब डॉलर के रक्षा समझौते किए हैं। लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि दोनों देशों के बीच 21 रक्षा सौदे हुए हैं।
मई 2020 में आएंगे 4 राफेल विमान
इस बीच फ्रांस ने तीन राफेल लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए हैं। अब इन पर एयरफोर्स के पायलटों और इंजिनियरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। बता दें कि 8 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पैरिस में पहला राफेल जेट सौंपा था। 4 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप मई 2020 में भारत आएगी।