राम मंदिर ट्रस्ट बनाने में कोई हस्तक्षेप नहीं , सरकार तय करे ट्रस्ट में कौन शामिल होगा कौन नहीं। -विश्व हिन्दू परिषद


लखनऊ ,


 अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने का पूरा अधिकार दे दिया है। अब इस बात को लेकर कयासों का दौर शुरू हो चुका है कि ट्रस्ट में कौन शामिल होगा कौन नहीं। इस मुददे को लेकर विहिप के ने कहा है कि यह सरकार का अधिकार है कि वह ट्रस्ट का स्वरूप तैयार करे लेकिन हम चाहते हैं कि ट्रस्ट का गठन करते समय कारसेवा में शहीद हुए कारसेवकों के बलिदान को भी ध्यान में रखा जाए। हमारा पूरा विश्वास है कि सरकार विहिप के विश्वास पर खरा उतरेगी।

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप)के  राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विहिप पहले ही साफ कर चुकी है कि उसे मंदिर की मिल्कियत नहीं चाहिए। सरकार के पास इस बात का पूरा अधिकार है कि वह तय करे कि ट्रस्ट में कौन शामिल होगा कौन नहीं।

उन्होंने कहा, '' साढे तीन दशकों तक राम मंदिर निमार्ण को लेकर विहिप ने अभियान चलाया। हमारा जो उद्देश्य था वह पूरा हुआ। यह एक सांस्कृतिक आंदोलन था। विहिप ने मंदिर निर्माण का श्रेय लेने के लिए अभियान नहीं चलाया था। कारसेवकों ने जो बलिदान और त्याग किया है उसका ऋण नहीं चुकाया जा सकता है।''



सरकार सुझाव मांगेगी तो जरूर देंगे
बंसल से यह पूछे जाने पर कि क्या विहिप की तरफ से सरकार को इस बात को लेकर कोई सुझाव दिया जाएगा कि ट्रस्ट में कौन शामिल हो, इस पर उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में किसे शामिल होना है किसे नहीं। यह सरकार तय करेगी। इसमें विहिप का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। लेकिन यदि सरकार हमसे कोई सुझाव मांगेगी तो हम जरूर देंगे।


कारसेवकों के बलिदान को याद रखेगी सरकार
विहिप प्रवक्ता से यह पूछे जाने पर क्या यदि सरकार ने विहिप से कोई सुझाव मांगे बिना ही ट्रस्ट की रुपरेखा तय कर ली तो क्या विहिप उसका विरोध करेगी, इस पर बंसल ने कहा, '' यह सवाल अभी भविष्य के गर्भ में है। समय आने पर इसका जवाब मिल जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि सरकार कारसेवकों के बलिदान को याद रखेगी और उम्मीद के अनुरूप ही फैसला करेगी। ऐसा नहीं हुआ तो तब की तब देखी जाएगी।''


कारसेवकों के नाम पर म्यूजियम बनाने की मंशा
बंसल से यह पूछे जाने पर क्या बाबरी विध्वंस के समय कारसेवा में शहीद हुए लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता दिए जाने का मुद्दा भी विहिप उठाएगी तो उन्होंने कहा, "कारसेवकों के बलिदान को याद रखने के लिए विहिप के पास पूरा खाका तैयार है। अयोध्या में कारसेवकों के नाम पर एक म्यूजियम बनाने की भी मंशा है। समय आने पर सरकार को इससे अवगम कराया जाएगा। उम्मीद है सरकार इस तरह की चीजों पर जरूर विचार करेगी।''

बंसल ने कहा कि कारसेवा के दौरान शहीद हुए सारे लोगों की सूची और जानकारी हमारे पास मौजूद है। मंदिर के पास ही जब कारसेवकों के नाम पर म्यूजियम बनाने का काम शुरू होगा तो उसको सामने लाया जाएगा। अभी इसपर कोई भी जानकारी देना जल्दबाजी होगी।


कारसेवा से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने का प्रयास


बिनोद बंसल ने कहा कि हम चाहते हैं कि साढ़े तीन दशकों तक चले इस सांस्कृतिक आंदोलन से जुड़ी स्मृतियों को सहेजा जाए। इसमें कारसेवा में शामिल लोग और राम मंदिर निर्माण से जुड़े साधू संत भी शामिल हैं। स्मृतियों में बहुत ऐसी चीजें हैं जिन्हें सजोकर रखा जा सकता है।