लखनऊ.
कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ये नेता सोमवार को उग्र तेवर के साथ सामने आए और कहा कि, हम कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बल्कि कांग्रेस के लिए काम करते रहे हैं। हमारा निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है। कांग्रेस के संविधान के अनुसार एआइसीसी सदस्यों को प्रदेश कमेटी बाहर नहीं कर सकती। सिर्फ केंद्रीय अनुशासन समिति को संस्तुति कर सकती है। अनुशासन के मामलों में सहमति या असहमति जताने का अधिकार पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी नहीं है।
वरिष्ठ नेता रामकृष्ण द्विवेदी ने कहा- जिन लोगों ने निष्कासन किया है, ये खुद संवैधानिक बॉडी नहीं है। मैं खुद अनुशासन समिति का अध्यक्ष रह चुका हूं। कांग्रेस का जनाधार क्षत विक्षत हो गया है। कांग्रेसजन बिखरे हुए हैं। कांग्रेस को गांधी नेहरू के विचारों के अनुसार चलाया जाए। इसलिए हम लोगों ने बैठक की। किसी को कोई नोटिस नहीं मिली। हमें बिना कारण के निकाला गया। यूपी कांग्रेस मे बाहर से घुसपैठिए आए हैं।
हम सोनिया जी से मांग करते हैं कि, कांग्रेस को जो शक्तियां तोड़ना चाहती हैं, उनका विरोध करते हैं। सोनिया जी हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र में हम जद्दोजहद कर रहे हैं और ऐसे समय हमें निकाला जा रहा है। हम लोग इसको लेकर सोनिया जी से भी मिलेंगे। कहा- एक साथी के बारे में छपा है कि उन्होने माफी मांग ली। वो हाफिज मोहम्मद उमर जी हमारे साथ खड़े हैं। स्वास्थ्य के चलते वो आ नहीं पाए। प्रियंका जी को कोई अधिकार नहीं है कि अनुशासन के मामले में वो सहमति या असहमति दें।
सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा- राहुलजी जब चुनाव लड़े थे, तब हम लोगों में से कोई पदाधिकारी नहीं था। न ही हमे वहां जाने की अनुमति थी। संविधान में प्रियंका जी हों या कोई और महासचिव अनुशासन के मामले में उनको सहमति असहमति का अधिकार नहीं है। अदिति सिंह पर कार्रवाई न करना ये दोहरा चरित्र है।
इन नेताओं को दिखाया गया बाहर का रास्ता
जिन नेताओं को निष्कासित किया गया उनमें संतोष सिंह (पूर्व सांसद), सिराज मेंहदी (पूर्व एमएलसी), रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व गृहमंत्री, उप्र), सत्यदेव त्रिपाठी (पूर्व मंत्री), राजेन्द्र सिंह सोलंकी (सदस्य एआईसीसी), भूधर नारायण मिश्र (पूर्व विधायक), हाफिज मोहम्मद उमर (पूर्व विधायक), विनोद चौधरी (पूर्व विधायक), नेकचन्द्र पाण्डेय (पूर्व विधायक), स्वयं प्रकाश गोस्वामी (पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस), संजीव सिंह (पूर्व जिलाध्यक्ष गोरखपुर) के नाम हैं।