JNU जुलाई 2020 से शुरू करेगा आयुर्वेद बायॉलजी में इंटिग्रेटेड एमएससी का 5 साल का कोर्स


नई दिल्ली 


जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) जुलाई 2020 से आयुर्वेद बायॉलजी में इंटिग्रेटेड एमएससी का 5 साल का कोर्स शुरू करने जा रही है। इस कोर्स में मॉडर्न साइंस के संदर्भ में ट्रडिशनल मेडिसिन और आयुर्वेदिक टेक्‍स्‍ट के बारे में पढ़ाया जाएगा।


भारत में इस तरह का पहला प्रयोग


इसे भारत में इस तरह का पहला प्रयोग कहा जा रहा है। अन्य नई योजनाओं के तहत जेएनयू 2020 से इंडियन ट्रेडिशनल म्‍यूजिक और डांस पर स्‍कूल का सेटअप करेगी और इसमें रिसर्च की जाएगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी स्‍टेट ऑफ द आर्ट इन्‍क्‍यूबेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की प्‍लानिंग कर रही है जिसे स्‍टूडेंट्स, ऐल्‍युमिनाई और फैकल्‍टी मिलकर शुरू करेंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी से फंडिंग के लिए अप्‍लाई किया है।

आयुष मिनिस्‍ट्री करेगी सपॉर्ट


वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार के मुताबिक, आयुर्वेदिक बायॉलजी प्रोग्राम को एसएसआईएस, स्‍कूल ऑफ लाइफ साइंसेस, स्‍कूल ऑफ बायोटेक्‍नॉलजी और स्‍पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्‍युलर मेडिसिन मिलकर चलाएगा। आयुर्वेद बायॉलजी प्रोग्राम को शुरू करने के इनिशटिव को आयुष मिनिस्‍ट्री सपॉर्ट करेगी।

जुलाई से पहला बैच


जगदीश कुमार ने बताया, 'अगर चीजें प्‍लान के हिसाब से होती हैं तो हम पहला बैच जुलाई 2020 से शुरू करेंगे। यह देश में नया एक्‍सपेरिमेंट है। आपको संस्‍कृत के स्‍कूल में कहीं भी साइंस प्रफेसर्स कॉनकरंट फैकल्‍टी के रूप में नहीं मिलेंगे।'

स्‍कॉलर्स करेंगे कमी को पूरा


वीसी ने आगे कहा कि कोर्स का उद्देश्‍य ऐसे स्‍कॉलर्स को सामने लाना है जो मॉडर्न और आयुर्वेदिक, दोनों साइंस से परिचित हों। कई ऐसी कंपनियां हैं जो आयुर्वेदिक दवाइयां बनाती हैं और उन्‍हें एक्‍सपर्ट्स की जरूरत है। हमें उम्‍मीद हैं कि हमारे स्‍कॉलर्स उस कमी को पूरा करेंगे।

एंट्रेंस टेस्‍ट पर बेस्‍ड होगा ऐडमिशन


इस प्रोग्राम में ऐडमिशन एंट्रेंस टेस्‍ट पर बेस्‍ड होगा जो कि नैशनल टेस्‍ट एजेंसी कंडक्‍ट कराएगी। अनुसंधान प्रयोगशालाएं मॉडर्न साइंस स्‍कूलों में होंगी जबकि थेअरी एसएसआईएस में पढ़ाई जाएगी।