जनवरी 2020 तक मिलेगा देश को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ


नई दिल्ली


देश को जनवरी 2020 तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिलने की संभावना है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व वाली समिति इस पर नियुक्ति के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने में जुटी है। इसे मंजूरी मिलने के बाद थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकृत सैन्य सलाहकार की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। 1999 में गठित की गई करगिल सुरक्षा समिति ने इस संबंध में सुझाव दिया था। सेना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना पहले ही इस नए पद के लिए अपने वरिष्ठतम कमांडरों के नामों की सिफारिश कर चुकी हैं।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे सीडीएस कहा जाएगा। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया जो सीडीएस की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देगी।

CDS की रेस में आगे सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत


सूत्रों ने कहा कि समिति ने जमीनी कामकाज पूरा कर लिया है और वह तीन सप्ताह के भीतर अंतिम रूपरेखा पेश करेगी। सेना प्रमुख बिपिन रावत इस पद की दौड़ में सबसे आगे हैं, जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो सरकार उन्हें सेवानिवृत होने से पहले देश का पहला सीडीएस घोषित कर देगी। सूत्रों ने कहा कि सीडीएस का पद 'फोर स्टार' जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा।


करगिल समीक्षा समिति ने की थी पद बनाने की सिफारिश



  • प्रोटोकॉल के मामले में भी सीडीएस सबसे ऊपर रहेगा। सीडीएस मुख्यत: रक्षा और रणनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेगा। 1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था।