नई दिल्ली
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है. मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के विधेयक को मंजूरी दे दी गई. अब ये विधेयक संसद के दोनों सदनों में मंजूरी के लिए जाएगा. अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने की मांग कई सालों से उठ रही थी, जिसे पूरा करके बीजेपी ने अपनी पहली सियासी चाल चल दी है, जिसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा.
एक फैसले से लाखों की आबादी खुश
अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के फैसले का असर दिल्ली के 79 गांवों पर पड़ेगा. इनका शहरीकरण होगा और करीब 1700 से अधिक कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी. संसद में विधेयक के पास होने के बाद इन कॉलोनियों में रहने वालों को करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिल जाएगा. इन कॉलोनियों में दिल्ली का मिडिल व लोअर क्लास तबका रहता है, जो कई सालों से इन कॉलोनियों के रेग्युलराइज होने का इंतजार कर रहा था. माना जा रहा है कि बीजेपी आगामी चुनाव में अपने इस फैसले को जनता के बीच रखेगी और वोट मांगेगी.
BJP और AAP में क्रेडिट की होड़
मोदी सरकार ने कुछ महीने पहले ही 1797 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का ऐलान किया था. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'हम लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे थे. इस फैसले के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं. इस प्रस्ताव को हमने 2015 में भेजा था और उसके बाद से दिल्ली सरकार लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में थी. केजरीवाल का कहना है कि 24 जुलाई 2019 को उन्होंने इसके मसौदे पर अपने सुझाव भी दिए थे.
दिन में AAP का प्रदर्शन, शाम को कैबिनेट की मुहर
वहीं, आप नेता संजय सिंह ने कहा था, 'सरकार ने दो नवंबर, 2015 को अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने का कैबिनेट का फैसला केंद्र की भाजपा सरकार को भेजा था. चार साल तक भाजपा ख़ामोश रही जनता को भरोसा तभी होगा जब उनके हाथ में रजिस्ट्री होगी. भाजपा को इसपर अध्यादेश पास करना चाहिए.' अध्यादेश के लिए आम आदमी पार्टी ने बुधवार को संसद के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार से बिल लाने की मांग की. शाम को मोदी कैबिनेट ने विधेयक को मंजूरी दे दी.
अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों को मिलेंगे ये फायदे
मोदी कैबिनेट ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के विधेयक पर मुहर लगा दी. अब संसद में बिल पास होने के बाद कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा. इसके साथ ही सरकार ने दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम की धारा 81 के सभी मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. साथ ही 79 गांवों के शहरीकरण को भी ग्रीन सिग्नल दे दिया गया.